आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारत करीब एक दशक तक अंतरराष्ट्रीय हथियार बाजार का सबसे चहेता देश रहा है। लेकिन यह देश हथियार खरीदने के मामले में पहले पायदान से खिसकर अब दूसरे स्थान पर आ गया है। वर्तमान में सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बन चुका है। स्टाकहोम स्थित अंतरराष्ट्रीय शांति शोध संस्थान की तरफ से इस बात का खुलासा हुआ है। बता दें कि साल 2009 से 2013 के दौरान रूस से करीब भारत का हथियार आयात 76 फीसदी था, लेकिन साल 2014 से 2018 के दौरान भारत का हथियार आयात 58 फीसदी आ गया।

पिछले दशक से भारत और अमेरिका के बीच सामरिक साझेदारी का रिश्ता गहरा हुआ है। इतना ही नहीं भारत ने अमेरिकी हथियार कम्पनियों से कई अरब डॉलर के हथियार खरीदे हैं। बता दें कि स्टाकहोम स्थित अंतरराष्ट्रीय शांति शोध संस्थान 5 साल की अवधि के आधार पर दुनिया के प्रमुख आयातक और निर्यातक देशों के हथियार खरीद सौदों का अध्ययन करता है।सामरिक पर्यवेक्षकों की मानें तो पिछले एक साल के अंदर भारत ने रूस से जो हथियार खरीदे हैं, यदि उनका आंकलन किया जाए तो भारत की तरफ से हथियार आयात में रूस का हिस्सा काफी बढ़ जाएगा।

भारत ने रूस से पांच एस- 400 मिसाइल प्रणाली, मल्टी रोल हेलिकॉप्टर, परमाणु पनडुब्बी, कामोव हेलिकॉप्टर और असाल्ट राइफल आदि के कई बड़े सौदे किए हैं। दूसरी तरफ भारत ने अमेरिका से पिछले 5 साल की अवधि में हेवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर चिनूक, हमलावर हेलिकॉप्टर अपाचे, एम-777 अल्ट्रालाइट होवित्जर तोपों आदि के सौदे किए हैं। साल 2014 से 2018 के दौरान भारत ने इजराइल, अमेरिका और फ्रांस ने भी भारत के साथ बड़े हथियार सौदे किए हैं। मतलब साफ है कभी रूस के हथियारों पर निर्भर रहने वाले भारत ने हथियारों की खरीद को व्यापक आधार दिया है।

स्टाकहोम स्थित अंतरराष्ट्रीय शांति शोध संस्थान के मुताबिक, रूस का बड़े ​हथियारों का निर्यात 5 साल की अवधि में 17 फीसदी घटा है। इसकी वजह है कि भारत और वेनेजुएला ने रूस से इस अवधि में बड़े हथियार कम खरीदे हैं। गौरतलब है कि साल 2014 से 2018 के दौरान दुनिया के टॉप 5 हथियार आयातक देशों में सऊदी अरब, भारत, इजिप्ट, ऑस्ट्रेलिया और अल्जीरिया बड़े नाम बनकर उभरे हैं। जबकि साल 2003 से 2018 के बीच अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक रहा।

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