केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि रूस से तेल खरीदना बंद करने के लिए भारत किसी नैतिक संघर्ष में नहीं है। हम किसी एक्स या वाई से तो तेल खरीद नहीं रहे हैं, हम जो उपलब्ध है वह खरीद रहे हैं। मैं खरीदारी नहीं करता, यह तेल कंपनियां हैं जो खरीदारी करती हैं।'

रियायती दरों का लाभ उठाने का आरोप
क्या भारत रूस से रियायती दर पर तेल खरीद का लाभ उठा रहा है। उन्होंने जवाब देते हुए कहा की भारत रूस के तेल का 2.0 प्रतिशत नहीं, मात्र 0.2 प्रतिशत खरीद कर रहा है। भारत रूस से जितना तेल एक तिमाही में खरीदता है यूरोप उससे उतनी खरीद आधे दिन में ही कर लेता है।

रूस सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता नहीं
पुरी ने यह भी साफ किया कि रूस भारत को सबसे ज्यादा तेल आपूर्ति करने वाला देश नहीं है। रूस उन चार-पांच देशों में से एक है जिनसे भारत ज्यादा तेल खरीदता है। पिछले महीने इराक ने सबसे ज्यादा भारत को तेल की आपूर्ति की। इसलिए, तेल आपूर्तिकर्ता को लेकर किसी तरह की गलतफहमी नहीं होनी चाहिए।

अपने लोगों के प्रति हमारी जवाबदेह
पुरी ने स्पष्ट किया कि भारत 1.3 अरब आबादी वाला देश है। हमारे लोगों के प्रति हमारा नैतिक कर्तव्य है कि उन्हें चाहे पेट्रोल हो या डीजल उसकी निर्बाध आपूर्ति होती रहे। दुनिया में हम ऐसे इकलौते देश हैं जो अपने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देता है। आज भी लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। सरकार ने पेट्रोल की कीमत में वृद्धि के भार से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए अपने राजस्व को घटाया।

जहां से तेल मिलेगा, वहीं से खरीदेंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत को जहां से भी सस्ता तेल मिलेगा, वहीं से खरीदेगा। सामान्य सी बात है भारत को अपनी बड़ी आबादी की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करना है। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस से तेल खरीदने के सरकार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर यह बात दो

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