हर साल कई युवा सेना में जाने का ख्वाब देखते हैं और इस क्षेत्र में करियर बनाते हैं। थल, जल और वायु सेना देश की तीन सेनाएं हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं भारतीय नौसेना की, एक नौसेना अधिकारी के रूप में आपको खुले समुद्र में दिन और महीने बिताने पड़ते हैं।

यदि आपके पास भरपूर साहस है और आप नीले पानी की लहरों से नहीं डरते हैं तो आप इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। नौसेना में अलग अलग फ़ील्ड्स होते हैं इनमे इंजीनियरिंग, कार्यकारी, विद्युत, शिक्षा और मेडिकल शामिल है।

एज और नेशनेलिटी
नेवी में जाने के लिए कैंडिडेट की उम्र 16.5 से 19 साल के बीच होनी चाहिए। कैंडिडेट्स के पास 10+ 2 की डिग्री होना भी जरूरी है। इलेक्ट्रिकल विंग / समुद्री इंजीनियरिंग / आर्किटेक्ट जैसे अधिकारी पदों पर काम करने के लिए कैंडिडेट को भारत का नागरिक होना भी जरूरी है।

एजुकेशनल क्वालिफिकेशन-
इलेक्ट्रिकल / समुद्री इंजीनियरिंग / आर्किटेक्ट बनने के लिए कैंडिडेट के पास 10+2 की डिग्री और बीएसएम में कम से कम 75% अंक होने चाहिए।

फिजिकल क्वालिफिकेशन-
फिजिकल और मेंटली कैंडिडेट को स्ट्रांग होना जरुरी है।
आंखों में कलर ब्लाइंडनेस नहीं होनी चाहिए।
किसी तरह की विकलांगता नहीं होनी चाहिए।
कैसे होता है नेवी ऑफिसर का चयन

अप्लाई करने के बाद जो कैंडिडेट्स शॉर्टलिस्ट होते हैं उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। जो कि भोपाल, बैंगलोर या इलाहाबाद में होते हैं।

ट्रेनिंग और प्रशिक्षण
कैंडिडेट का सेलेक्शन हो जाने के बाद उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती है। उन्हें आईएमए, देहरादून की 6 कॉलेजों में भेजा जाता है। उसके बाद ट्रेनिंग करवाई जाती है। इसके बाद ही इंजीनियरिंग की डिग्री दी जाती है। कोर्स के 3 साल के पूरा होने पर उस कैंडिडेट को 8000 रूपये प्रति माह स्टाइपेंड भी दिया जाता है।

क्या होती है एक नेवी ऑफिसर की सैलरी-
शुरूआती सैलरी 3-4 लाख सलाना होती है लेकिन उसके बाद मध्य स्तर तक पहुंचने के बाद 8-9 लाख हो जाती है।

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