दोस्तों, अभी हाल में चीन ने कहा है कि भारत के साथ उसके रिश्ते इतिहास में अब तक के सबसे अच्छे दौर में है। चीन-भारत युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चीन के राजदूत ल्वो चाओ हुई ने कहा कि अप्रैल 2018 में चीन के वूहान शहर में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई अनौपचारिक शिखर बैठक के दौरान जो आम सहमति बनी उसे दोनों देश अब लागू करने जा रहे हैं।

राजदूत ल्वो चाओ हुई ने कहा कि भारत और चीन के बीच विश्वास की दीवार मजबूत करने के लिए भारत में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा चीन के विदेश मंत्री वांग ई के बीच होने वाले युवा संवाद के जरिए इस सिलसिले की शुरूआत होगी।

उन्होंने कहा कि युवा संवाद कार्यक्रम से दोनों देशों के युवाओं को एक दूसरे की संस्कृति औऱ सभ्यता को समझने का अनोखा मौका मिलेगा। इस कार्यक्रम के तहत हर साल दोनों देशों के करीब 200 युवक आदान-प्रदान का कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए दोनों देशों ने एक दूसरे के युवकों को स्कॉलरशिप दिए हैं और युवकों के बीच संवाद के लिए मंच स्थापित किया है। चीन यह चाहता है कि अधिक से अधिक चीनी छात्र भारत में पढ़ें तथा अधिक से अधिक भारतीय छात्र चीन में पढ़ें।

चीनी राजदूत ने कहा कि युवा संवाद कार्यक्रम के अलावा शंघाई सहयोग संगठन तथा ब्रिक्स के जरिए युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरु किए गए हैं। इस कार्यक्रम को मजबूती देने के लिए दोनों देशों को और ज्यादा ठोस कदम उठाने होंगे। इतना ही नहीं चीन अन्य भारतीय शहरों के साथ संवाद शुरू करने के इंतजार में है जिसे नमस्ते नई दिल्ली, नमस्ते मुम्बई का नाम दिया गया है। चीन के राजदूत ने यह भी सुझाव दिया है कि भारत और चीन को फिल्म और खेल के क्षेत्र में भी आदान-प्रदान करना चाहिए।

Related News