सैन्य तानाशाह जिया उल हक के कहने पर क्रिकेट में दोबारा लौटे इमरान खान, बने वर्ल्ड कप विनर
बचपन के दिनों से ही क्रिकेट से लगाव रखने वाले इमरान खान ने 16 साल की उम्र में ही प्रोफेशनल क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। इमरान खान ने 1969 में अपना पहला प्रथम श्रेणी का क्रिकेट मैच खेलना शुरू किया।
इसके बाद पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में इमरान खान ने 1971 में बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया, जबकि 1974 में उन्होंने अपना पहला अंतराष्ट्रीय वनडे मैच खेला।
21 साल तक क्रिकेट करियर में इमरान खान एक बेहतरीन आलराउंडर बने रहे। 1982-1992 तक इमरान खान पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बने रहे। वह आज भी पाकिस्तान के सबसे सफलत क्रिकेटर्स में से एक माने जाते हैं। दोस्तों, आपको बता दें कि पाकिस्तान की क्रिकेट को आक्रामक खेल दिखाने का श्रेय इमरान खान को ही जाता है।
आपको याद दिला दूं कि साल 1987 में पाकिस्तान की टीम रिलायंस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हार गई थी, इसके बाद इमरान खान ने क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी, लेकिन पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जिया उल हक के कहने पर उन्होंने दोबारा क्रिकेट जगत में वापसी की।
ठीक चार साल बाद यानि 1992 में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम को विश्वकप विजेता बना दिया। गौरतलब है कि इमरान खान पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिनकी अगुवाई में इस टीम ने आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड जीता है।