जानकारी के लिए बता दें कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चित हुए युवा नेता हार्दिक पटेल 12 मार्च को कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। हार्दिक पटेल के जामनगर से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
लेकिन दूसरी तरफ हार्दिक पटेल का लोकसभा चुनाव लड़ना मुश्किल होता जा रहा है। उन्हें सिविल कोर्ट से मिली सजा के मामले में यदि गुजरात हाई कोर्ट राहत नहीं देता है तो हार्दिक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि साल 2018 में 25 जुलाई को राज्य की एक स्थानीय अदालत ने हार्दिक पटेल को दो साल के सा​धारण कारवास की सजा सुनाई थी, तथा उन पर जुर्माना भी लगाया था। बता दें कि 23 जुलाई 2015 को महेसाणा जिले के विसनगर में आयोजित पाटीदार आरक्षण रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में हार्दिक को यह सजा सुनाई गई थी।

इसके अलावा हार्दिक पटेल पर मौजूदा भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमला और तोड़फोड़ का आरोप भी लगा था। चुनाव आयोग के मुताबिक, दो साल या इससे अधिक सजा पाने वाले व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इस वजह से हार्दिक पटेल ने शुक्रवार को गुजरात हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है।

हार्दिक पटेल के वकील रफीक लोखंडवाला के मुताबिक, उन्होंने अपनी अर्जी में विसनगर की अदालत की सजा पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है, ताकि हार्दिक लोकसभा चुनाव 2019 का चुनाव लड़ सकें।

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