दोस्तों, आपको बता दें कि दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की बदौलत भारत सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली में अग्रणी देश बन चुका है। बता दें कि भारत ऐसा पहला देश बन गया है, जिसके पास जमीन, पानी और हवा से चलाई जा सकने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के कारण जल्दी रडार के पकड़ में नहीं आती है। इतना ही नहीं हवा से सतह पर मार करने में सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल आतंकी शिविरों के लिए यमराज के समान है। इसके अलावा इस ताकतवर मिसाइल से समुद्र में मौजूद दुश्मन के युद्धपोतों को नष्ट किया जा सकता है। अंडरग्राउंड परमाणु बंकरों को ध्वस्त करने में भी यह मिसाइल कमाल की है।

अब आप सोच रहे होंगे कि आवाज की गति से 2.8 गुना अधिक गति से प्रहार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का नाम ब्रह्मोस ही क्यों रखा गया। जी हां, दोस्तों इस नाम के पीछे एक रोचक जानकारी छुपी है।

बता दें कि ताकतवर क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भारत और रूस का संयुक्त उद्यम है। इसलिए शक्तिशाली मिसाइल ब्रह्मोस का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कवा को मिलाकर रखा गया है। यह क्रूज मिसाइल रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है।

गौरतलब है कि इस मिसाइल की मारक क्षमता पहले 290 किमी.थी, लेकिन भारत ने मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम से जुड़ने के बाद इसकी मारक क्षमता में इजाफा कर 450 किलोमीटर किया।

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