दोस्तों, इन दिनों सीबीआई पूरे देश में सुर्खियों में बनी हुई है। सीबीआई में खींचतान पर सियासी घमासान जारी है। सीबीआई हेडक्वॉर्टर पर सीबीआई के छापे से अनेक गंभीर प्रश्न उभरकर सामने आए हैं। इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं देश की सबसे लोकप्रिय जांच एजेंसी सीबीआई से जुड़ी कुछ खास बातें।

- साल 1941 में एसपीई की स्थापना की गई। एसपीई का मुख्य कार्य दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भारत के युद्ध तथा आपूर्ति विभाग के साथ लेन-देन में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करना था।

- द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए 1946 में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम लागू किया गया। इस अधिनियम के तहत एसपीई का देख-रेख गृह विभाग को सौंपा गया। इतना ही नहीं भारत सरकार के सभी विभागों को इसके दायरे में लाया गया।

- एक मार्च 1963 को गृह मंत्रालय ने एसपीई का नाम सीबीआई यानि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो कर दिया। शुरू में सीबीआई का काम केवल उन्हीं अपराधों को अधिसूचित करना था, जिनका संबंध केंद्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से था। बाद में इसे बड़े पैमाने पर विस्तारित कर दिया गया।

- साल 1969 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण होने पर सरकारी बैंकों तथा उनके कर्मचारियों को सीबीआई जांच के दायरे में कर दिया गया।

- भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई की कार्य प्रणाली एफबीआई की तरह ही है। लेकिन इसके अधिकार एवं कार्य-क्षेत्र एफबीआई की तुलना में सीमित है।

- सीबीआई भारत की सबसे लोकप्रिय तथा विश्वसनीय जांच एजेंसी है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। यह एक केंद्रीय पुलिस जांच एजेंसी है।

- केंद्रीय पुलिस जांच एजेंसी सीबीआई इंटरपोल के साथ भी जुड़ी हुई है।

- सीबीआई का निदेशक एक आईपीएस अधिकारी होता है। इस निदेशक की नियुक्ति दो वर्ष के लिए की जाती है।

- सात संभागों केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, अभियोजन निदेशालय, भ्रष्टाचार निरोधी संभाग, विशेष अपराध संभाग, आर्थिक अपराध संभाग, प्रशासन संभाग, नीति एवं समन्वय संभाग के रूप में सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी दी गई है।

- इसके अलावा राज्य तथा राष्ट्र की सुरक्षा सम्बन्धी मामलों की जांज का जिम्मा भी सीबीआई को सौंपा गया हैै।

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