नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं वे लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं। अपने पीएम पद पर रह कर कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए उन्होंने कुछ ऐसे फैसले भी लिए हैं जिनके कई लोग पक्ष में हैं तो कई खिलाफ भी है। आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए भी पीएम मोदी ने कई बार ऐसे फैसले लिए हैं। इस कारण उन्हें अपनी जान का खतरा भी हमेशा रहता है।

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लेकिन नरेंद्र मोदी को पीएम बनने के बाद से ही अपनी जान का खतरा नहीं है बल्कि उन्हें ये खतरा तब से है जब वे गुजरात के सीएम बने।

नरेंद्र मोदी को 2 बार जान से मारने की कोशिश की जा चुकी है लेकिन दोनों ही बार ये साजिश कामयाब नहीं हो पाई। हमलावर अपने नापाक मंसूबों में सफल नहीं हो पाए हैं। जब 2004 में नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तब उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई।

अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली ने भारतीय अधिकारियों को शिकागो में बताया था कि गुजरात पुलिस से साथ मुठभेड़ में इशरत जहां की मौत हुई थी और वो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध रखती थी और उन्हें परमाणु बम के जरिए मोदी को मारने के काम सौंपा गया था।

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अक्टूबर 2014 में नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश

जब मोदी पटना में भाजपा की चुनावी रैली को संबोघित करने वाले थे तब भी उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई थी। रैली से पहले पटना के गांधी मैदान में सिलेसिलेवार कई घमाके हुए थे। इन धमाकों में 6 लोगों की जान गई और 100 से अधिक घायल हुए। भारत की कई ख़ुफ़िया सुरक्षा एजेंसियों के साथ कई विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसीज भी भारत को पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए आगाह कर चुकी है।

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उनकी सिक्योरिटी देश के किसी अन्य पीएम से दोगुनी है। उनके देश के अंदर और बाहर कई दुशमन मौजूद हैं। राजीव गांधी जब देश के पीएम थे तब उन्हें भी जान से मारने की ऐसी ही धमकियां मिलती थी और उनके बाद मोदी ही ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हे मारने की इतनी धमकिया मिली है। आए दिन पुलिस को किसी ना किसी ख़ुफ़िया एजेंसी से ऐसी खबरें मिलती रहती है।

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