आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय सेना और सुरक्षाबलों ने साल 2018 में कश्मीर घाटी में आतंकियों की कमर तोड़कर रख दी। केवल एक साल के अंदर सुरक्षाबलों ने 200 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। आतंकियों के विरूद्ध सेना का ऑपरेशन अभी भी जारी है।

जानकारी के लिए बता दें कि सेना और सुरक्षाबलों की कार्रवाई में मारे गए आतंकियों में सीमा पार से घुसपैठ करने वाले आतंकियों के साथ स्थानीय आतंकी भी शामिल हैं। सेना ने साल 2017 में ऑपरेशन ऑल आउट शुरू किया था। इन आतंकियों से निपटने के लिए इंडियन आर्मी ने दोतरफा रणनीति अपनाई। विदेशी आतंकियों से निपटने के लिए अलग रणनीति तथा स्थानीय आतंकियों से निपटने के लिए अलग रणनीति बनाई है।

आतंकी संगठन और सेना द्वारा मारे गए आतंकवादी
1. हिज्बुल मुजाहिदीन- 49
2. लश्कर-ए-तैय्यबा- 53
3. जैश-ए-मोहम्मद-32
4. असांर गजवत उल-ए-हिंद- 06
5. तहरीक-ए-मुजाहिदीन/तहरीक-उल-मुजाहिदीन-06
6. अल बद्र -02
7. अज्ञात - 54
8. विदेशी आतंकवादी - 43
9. स्थानीय आतंकवादी -102

बता दें कि केवल अक्टूबर 2018 में सेना ने 27 आतंकियों को मार गिराने में सफलता पाई। इन आतंकियों में मन्नान वानी, मेहराजुद्दीन बांगरू और सब्जार अहमद सोफी का नाम शाामिल है। इस साल भारतीय सेना की कार्रवाई में लश्कर-ए-तैय्यबा के 33 फीसदी आतंकी जबकि आतंकी संगठन हिज्बुल के 40 फीसदी से ज्यादा आतंकी ढेर हुए हैं। वहीं भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के 50 फीसदी आतंकियों को ठिकाने लगाया है।

भारतीय सेना साल 2018 में आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी, अबू मतीन, अबू हमास, समीर अहमद भट उर्फ समीर टाइगर, अबु कासिम, समीर पड्डार तथा अबु माविया जैसे खूंखार आतंकियों का खात्मा करने में सफल रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पाकिस्तान सीमापार से आतंकियों को भेजकर कश्मीर घाटी में आतंक को अंजाम देता है। कश्मीर को अशांति की राह पर ले जाने के पीछे पाकिस्तान है।

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