चीन के वुहान जहाँ से कोरोनावायरस फैलना शुरू हुआ वहां पिछले कुछ दिनों से एक भी नया केस सामने नहीं आ रहा है। इसका मतलब साफ है कि चीन ने अब इस बीमारी पर काबू पा लिया है और अब जो लोग इस से संक्रमित बचे हैं उन्ही का इलाज किया जा रहा है।

शुरुआत में चीन इस वायरस के असर का आकलन नहीं लगा पाया था लेकिन बाद में चीन ने न सिर्फ इसकी भयानकता को समझा बल्कि इस पर काबू भी पा लिया।

संक्रमण को रोकने के लिए सबसे पहले चीन ने घरों से बाहर निकलने वाले लोगों पर पाबंदी लगाई और लॉक डाउन कर दिया। इस दौरान सभी ऑफिस से लेकर स्कूल, कॉलेजों आदि को बंद कर दिया गया।

इसके बाद संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सेनिटाइजर का छिड़काव हर जगह किया गया। जो लोग इसके खिलाफ अपवाहें उड़ा रहे थे उन पर भी कार्रवाही की गई।

स्वास्थ्य कोड नाम की प्रणाली तैयार की गई इसमें लाल पीले और हरे रंग तीन रंगों के कोड का इस्तेमाल किया गया। लोगों को उनकी यात्रा रिकॉर्ड के मुताबिक रंगों के कोड दिए इसी आधार पर उनका इलाज किया गया।

स्वस्थ लोगों को बचाव के उपाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया कई शहरों में संक्रमित हो की पहचान बताने वालों को इनाम भी दिया गया। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए चीन ने 11 दिनों में ही एक अस्पताल बना कर भी खड़ा कर दिया था जिस से कि मरीजों को बेड और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी ना हो।

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन ने 550 नेशनल व स्टेट हाईवे के साथ ही काउंटी और टाउनशिप सड़कों पर को पूरी तरह बंद कर दिया देश के 12000 से ज्यादा हाईवे प्रभावित इलाकों से अलग-थलग कर दिए गए थे।

इस से संक्रमित लोगों तक दवाइयां और खाना पहुंचाने के लिए रोबोट्स का इस्तेमाल किया ग

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