भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का गठन वर्ष 1885 में ए.ओ. ह्यूम द्वारा किया गया था। इसे मूल रूप से भारतीय राष्ट्र संघ के रूप में जाना जाता था। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन कोई संयोग नहीं था।

यह राजनीतिक जागृति की एक प्रक्रिया की परिणति थी जो 1860 और 1870 के दशक में शुरू हुई और 1870 के दशक के अंत और 1880 के दशक की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुंच गई।

इस प्रक्रिया में वर्ष 1885 एक महत्वपूर्ण क्षण था। राजनीति में रुचि रखने वाले आधुनिक बुद्धिजीवियों ने, जो स्वयं को संकीर्ण समूह हितों के बजाय राष्ट्रीय हितों के प्रतिनिधि के रूप में देखते थे, उनके प्रयासों को फलते-फूलते देखा।

उन्होंने जिस अखिल भारतीय राष्ट्रवादी निकाय की स्थापना की, वह मंच, संगठनकर्ता, मुख्यालय और नई राष्ट्रीय भावना और राजनीति के प्रतीक के रूप में काम करना था।

हालांकि जिस कांग्रेस पार्टी को आज हम देखते हैं जिसकी सोनिया गांधी और राहुल गांधी अध्यक्ष बारी-बारी बनते रहते हैं वह आज की कांग्रेस से उस समय कि कांग्रेस से बिल्कुल अलग है क्योंकि समय समय पर कांग्रेस के कई बंटवारे हुए हैं और कांग्रेस कई भागों में बांटकर अलग हुई है।

आपको बता दें कि जिस कांग्रेस पार्टी से जवाहरलाल नेहरू चुनाव लड़ा करते थे उस कांग्रेस पार्टी का सिंबल यानी पार्टी का चुनाव चिन्ह एक बैल और बैल गाड़ी हुआ करता था लेकिन आज की कांग्रेस पार्टी का चिन्ह हाथ है।

आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी के समय तक कहीं पार्टी में आंतरिक कलह की वजह से पार्टी में विभाजन हुए हैं और अलग-अलग कारणों से पार्टी भागों में टूटी है हालांकि कांग्रेस पार्टी इंदिरा गांधी वाली ही आगे चल सकी और इंदिरा गांधी की कांग्रेस पार्टी को अब सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी संचालित करते हैं।

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