मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि किसानों को कृषि मोटर्स के लिए मीटर लगाने से फायदा होगा। ताकि किसानों पर एक भी रुपया बोझ न पड़े। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे इस मुद्दे पर व्यापक प्रचार प्रसार के साथ किसानों को शिक्षित करें। किसानों को दिन में 9 घंटे बिजली की गुणवत्ता प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने सोमवार को अपने कैंप कार्यालय में ऊर्जा विभाग और वाईएसआर मुफ्त बिजली योजना की उच्च-स्तरीय समीक्षा की। इस समीक्षा में अधिकारियों ने सीएम के निर्देशों और निर्देशों का खुलासा किया है।

गुणवत्ता -ISI मानक
ट्रांसफार्मर की गुणवत्ता, मीटर संग्रह और व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। यदि आवश्यक हो तो केंद्र सरकार की एजेंसी (ईईएसएल - एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड) से बात करें। मोटरों के आईएसआई मानकों का उपयोग करने के लिए किसानों को शिक्षित किया जाना चाहिए। संधारित्र भी आईएसआई मानकों के साथ होना चाहिए। अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए। दूसरी ओर, 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए पहले ही बोली दस्तावेज तैयार किए जा चुके हैं और न्यायिक पूर्वावलोकन पूरा होने के बाद निविदाओं को बुलाया जाएगा। जगन ने आदेश दिया कि इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और परियोजनाएं शुरू हुईं।


अधिकारियों ने कहा कि 14,354 लाइनमैन किसानों को मीटर निर्माण के बारे में शिक्षित करने के लिए पहले ही प्रशिक्षित हो चुके हैं। सभी फीडरों के तहत, बिजली की आपूर्ति कृषि के लिए की जा रही है। पहले से ही 97.5 फीसदी फीडर पूरे हो चुके हैं, जबकि बाकी नवंबर तक पूरे हो जाएंगे।
समीक्षा में मंत्री बालिनेनी श्रीनिवास रेड्डी, हरित ऊर्जा निगम सीएमडी जी साई प्रसाद, एपी ट्रांसको सीएमडी एन श्रीकांत, एपी गेनको एमडी बी श्रीधर और वित्त सचिव एस एस रावत ने भाग लिया।

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