झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को डोरंडा खजाना घोटाले में राजद प्रमुख लालू यादव को जमानत दे दी, जिसमें सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें 5 साल जेल की सजा सुनाई थी।

डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन से जुड़े चारा घोटाले के एक मामले में फरवरी में सीबीआई अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद 73 वर्षीय लालू यादव हिरासत में हैं।


उनके वकील का कहना है “उन्हें आधी हिरासत और स्वास्थ्य के मुद्दों के एक समान मानदंड पर जमानत दी गई है, उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। उन्हें 1 लाख रुपये की जमानत राशि और 10 लाख रुपये जुर्माना जमा करना होगा।"

सीबीआई ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे। इनमें से डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था।इसमें सर्वाधिक 170 आरोपी शामिल थे। 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ के अवैध निकासी में लालू जमानत पर हैं। इसमें उन्हें 5 साल की सजा हुई थी। देवघर कोषागार से 79 लाख के अवैध निकासी के घोटले के दूसरे मामले में भी वे जमानत पर हैं। इस मामले में उन्हे साढ़े 3 साल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें 33.13 करोड़ के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के तीसरे मामले में भी जमानत मिली थी। इस मामले में उन्हें 5 साल की सजा हुई थी। दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी के चौथे मामले में उन्हें दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उसमें भी वे जमानत पर हैं।

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