कृषि सुधार के कानूनों को रद करने और एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाने की मांग पर अड़े किसानों ने सरकार के संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। अपनी मांगों के माने जाने तक आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है। सरकार के संशोधन वाले प्रस्तावों और किसान मोर्चे के फैसले को लेकर बुधवार को दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा। इस बीच किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर कृषि कानूनों को रद करने की मांग की।


सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी लेकिन वह बीच का रास्‍ता निकालने के लिए नए कृषि कानूनों में संशोधन का तैयार हो गई है। सरकार ने अपने संशोधन प्रस्ताव में जोर देकर कहा है कि केंद्र सरकार एमएसपी की मौजूदा सरकारी खरीद प्रणाली के संबंध में लिखित भरोसा देने को तैयार है।

किसान नेताओं ने कहा है कि तीनों कृषि कानून रद किए जाएं और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी वाला कानून लाया जाए। किसानों ने अपना आंदोलन तेज करते हुए दिल्ली को जाम करने का ऐलान किया है। उनके घोषित कार्यक्रम में दिल्ली को जोड़ने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्गों दिल्ली से जयपुर, दिल्ली से आगरा और दिल्ली से लखनऊ की ओर जाने वाली सड़कें रोक दी जाएंगी। टोल प्लाजा खोल दिए जाएंगे। किसानों ने 14 दिसंबर को देशभर में जिला और प्रदेश स्तर पर धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

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