नई दिल्ली: राजधानी शहर की सीमा पर आंदोलनरत हजारों किसान अब कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के संभावित फैसले पर कायम हैं। कुंडली, टिकारी, सिंघू सीमा पर किसानों का आंदोलन आज 47 वें दिन में प्रवेश कर गया है। वर्तमान में, आंदोलन की रूपरेखा में कोई बदलाव नहीं हुआ है। किसानों और किसान नेताओं की नज़रें सुप्रीम कोर्ट में दिन भर चली सुनवाई पर टिकी रहीं।

किसान नेताओं का कहना है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद आगामी आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, ट्रैक्टर ले जाने के लिए गणतंत्र दिवस परेड तैयार की जा रही है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को किसान आंदोलन पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से दृढ़ता से कहा कि यदि आप तीन कृषि कानूनों को नहीं रोकते हैं, तो हम इसे लागू करेंगे। साथ ही कोर्ट ने किसानों से पूछा कि क्या वे हमारी समिति में जाएंगे।

शीर्ष अदालत ने अब सरकार और पार्टियों को कुछ नाम देने को कहा है ताकि उन्हें समिति में शामिल किया जा सके। कोर्ट ने कहा कि लोगों का हित हमारे लिए जरूरी है, अब समिति बताएगी कि कानून लोगों के हित में है या नहीं। मुख्य न्यायाधीश (CJI) शरद अरविंद बॉर्डर, जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने सुनवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि तीन कानूनों को तब तक क्यों नहीं रोकना चाहिए जब तक कि समिति द्वारा गठित समिति इस मामले पर विचार नहीं करती है और अपनी रिपोर्ट को प्रस्तुत करती है।

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