एक साक्षात्कार के दौरान जशोदाबेन ने कहा था कि पिछले 50 सालों से मैं नरेंद्र मोदी से अलग रह रही हूं। फिर भी मुझे इस बात का संतोष है कि कम से कम लोग मुझे प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में पहचानते हैं। दोस्तों, आपको बता दें कि 1968 में नरेंद्र मोदी और जशोदा बेन का विवाह हुआ था, लेकिन देश सेवा और संघ प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी इनसे अलग हो गए। इसके बाद फिर दोनों एक साथ कभी नहीं रह सके।

जशोदाबेन पूरे देश में पहली बार चर्चा में तब आईं जब नरेंद्र मोदी ने नामांकन पत्र भरते समय पत्नी के रूप में जशोदाबने का नाम लिखा था। आपको बता दें कि बनासकांठा जिले के राजोशाना गांव एक प्राइमरी स्कूल से सेवानिवृत्त शिक्षिका जशोदाबेन की जिंदगी आज की तारीख में पूरी तरह से बदल चुकी है। अब जशोदाबेन की निजी सुरक्षा में 5 पुलिसकर्मी हमेशा तैनात रहते हैं।

जशोदाबेन के अनुसार, वह पीएम मोदी के लिए सप्ताह में 4 दिन व्रत करती हैं। उनकी बहुत इच्छा होती है कि वह प्रधानमंत्री के साथ रहें, लेकिन मीडिया इसे हमेशा गलत तरीके से​ दिखाती है। मैं चाहती हूं कि बस एक बार वह अपने पास मुझे बुला लें, मैं उनके साथ चली जाउंगी लेकिन यह पहल उन्हें ही करनी होगी।जशोदाबेन ने बताया कि उन दबाव डाला जाता है कि वह मीडिया से दूर रहें, लेकिन उन्होंने दबाव डालनेवालों के बारे में कुछ भी नहीं बताया।

जशोदाबेन कहती है कि जब नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान वडोदरा से पर्चा भरते समय पत्नी के रूप में मेरा नाम लिखा था, उस वक्त मेरी आंखें भर आईं थीं। उन्हें उम्मीद थी कि मोदी उन्हें अपना लेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

जब जशोदाबेन से यह पूछा गया कि लोकसभा चुनावों के दौरान उन्हें किसी गुप्त स्थान पर रखा गया था, इस बारे में वह कहती हैं मैं गंगासागर गई थी, इसके बाद किसी दूसरी जगह पर चली गई। जशोदाबेन कहती हैं कि मुझे पीएम मोदी से सिर्फ एक ही शिकायत है कि वह मुझे अपने पास नहीं बुलाते हैं।

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