मरने के बाद भी इस राजनीतिक पार्टी की महासचिव है यह महिला
इंटरनेट डेस्क। चाहे फिल्मी दुनिया हो या फिर राजनीतिक सफर हर मुकाम पर जयललिता ने अपने टैलेंट और किस्मत के भरोसे कामयाबी के झंडे गाड़े। तमिलनाडु की जनता जयललिता को अम्मा कहकर पुकारती थी, इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह महिला नेत्री लोगों के बीच कितनी पॉपलुर थी। जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु में कई लोगों ने सुसाइड की कोशिश की थी।
जयललिता ने अपने स्कूली दिनों में ही अंग्रेजी फिल्म एपिसल में अभिनय किया था। इसके बाद जयललिता ने तमिल और कन्नड़ सिनेमा को एक से बढ़कर एक फिल्में दी। अन्नाद्रमुक पार्टी के संस्थापक एमजी रामचंद्र से प्रभावित होकर जयललिता ने राजनीति ज्वाइन की। रामचंद्र के निधन के बाद जयललिता अन्नाद्रमुक पार्टी की महासचिव घोषित की गई।
इसके बाद से जयललिता ने राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 40 साल के अपने राजनीतिक करियर में जयललिता कई बार सांसद भी बनी। इसके अलावा आंध्रप्रदेश की सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में जयललिता आज भी याद की जाती हैं।
5 दिसम्बर 2016 को जब जयललिता का निधन हुआ तब उनकी राजनीतिक विरासत के लिए पार्टी के अंदर काफी विरोधाभास देखने को मिले। फिलहाल अन्ना द्रमुक के पलानास्वामी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। गौरतलब है कि एआईएडीएमके महापरिषद की बैठक में सभी पार्टी नेताओं ने निर्णय लिया कि पार्टी महासचिव पद पर जयललिता हमेशा बनी रहेंगी।
महासचिव पद पर कोई भी नेता जयललिता की जगह नहीं लेगा। हांलाकि, पार्टी महासचिव के सारे अधिकार पार्टी संयोजक के पास होंगे। देश के राजनीतिक इतिहास में ऐसा फैसला पहली बार देखने को मिला है, जब किसी पार्टी ने अपने नेता को इतना बड़ा सम्मान दिया है। एआईएडीएमके के इस फैसले के बाद स्वर्गीय जयललिता हमेशा के लिए अपनी पार्टी की महासचिव बनी रहेगी।