देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अपने पति से रिश्ते अच्छे नहीं थे। इंदिरा ने गुजराती पारसी फिरोज गांधी से शादी की थी, लेकिन उसके बाद जो हालात बने, उन्होंने दोनों के रिश्ते में खटास पैदा कर दी। वैसे 16 साल की उम्र में ही इंदिरा फिरोज का पहला प्रपोजल ठुकरा चुकी थीं, लेकिन इसके तीन साल बाद 1936 में मां की मौत ने उन्हें बहुत उदास कर दिय। तब उन्हें फिरोज के कंधों का सहारा मिला और दोनों में करीबी बढ़ी।

इंदिरा और फिरोज से बहुत खुश नहीं थी लेकिन उन्होंने अपनी निराशा छिपा ली थी, इलाहाबाद में 1942 में दोनों ने शादी कर ली, 1944 में इंदिरा को पहली संतान हुई, नाम रखा गया राजीव। लेकिन शादी के बाद जब इंदिरा राजनीति में सक्रिय होने लगीं और पिता की सहायक की भूमिका में आ गईं तो यह रिश्ता कमजोर पड़ने लगा।

इस बीच फिरोज ने अखबार ‘नेशनल हेरल्ड’ का कार्यभार संभाल लिया, इस अखबार की स्थापना 1937 में नेहरू ने की थी। इंदिरा की बायोग्राफी में पुपुल जयकर ने लिखा है कि इंदिरा से अलग होकर फिरोज लखनऊ में एक मशहूर-जमींदार मुस्लिम परिवार की एक महिला के प्रेम में पड़ गए। अगर इंदिरा की बायोग्राफी पर नज़र डालें तो ये बात साफ है कि इंदिरा और फिरोज अपने शादी से ज्यादा खुश नहीं थे।

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