कहां तक पढ़े हुए हैं ये नेता, किसी को नहीं जानकारी, आज भी हैं इनकी डिग्रियों में झोल
भारत में, आपको सरकार के लिए कोई भी नौकरी यहां तक कि आपको एक चपरासी की नौकरी करने के लिए कम से कम 10 वीं पास होना चाहिए। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मंत्री बनने के लिए आपको इस तरह की कोई भी शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं होती है।
हमारी राजनीति में आपको तरह तरह के राजनेता मिलेंगे कुछ तो बिल्कुल नहीं पढ़े हुए हैं तो किसी की पढ़ाई के बारे में आज तक कुछ साफ नहीं हो पाया है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो सही में कहां तक पढ़ें हुए हैं इस बारे में आज भी संशय बना हुआ है।
स्मृति ईरानी-
मोदी कैबिनेट की पूर्व कपड़ा मंत्री स्मृति ने नई दिल्ली के हॉली चाइल्ड ऑक्सिलियम स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। उसके बाद इनकी कॉलेज की पढ़ाई को लेकर आज भी संशय बना हुआ है। पहले उन्होंने बीए करने का दावा किया इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से एक खुलासा हुआ कि वास्तव में उन्होंने बी.कॉम. में एडमिशन लिया था और वो भी पूरा नहीं हो पाया था।
राबड़ी देवी-
राबड़ी जो कि बिहार की मुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुकी है। उनके बारे में ऐसा ही बताया जाता है कि वो केवल 14 साल की उम्र तक पढ़ी हुई है। इसके बाद लालू प्रसाद यादव के कहने पर वो राजनीति में आ गई थी इसलिए वो कहां तक पढ़ी हुई है इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
मनोहर लाल खट्टर-
खट्टर जो कि फिलहाल हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर हैं उन्होंने रोहतक से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय उन्होंने खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से ग्रेजुएट बताया था। इसके बाद एक आरटीआई के अनुसार ये पता चला कि उनके बारे में ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध ही नहीं है कि उन्होंने किस विषय में कॉलेज किया और कौनसे साल में किया।
नरेंद्र मोदी-
देश के प्रधानमंत्री मोदी ने 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय ओपन लर्निंग स्कूल से आर्ट में बैचलर किया थाइसके बाद 1982 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में आर्ट की डिग्री प्राप्त की। हालांकि, कई आरटीआई में मोदी की एजुकेशन को लेकर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं।
जितेन्द्र सिंह तोमर-
आम आदमी पार्टी के सदस्य और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री ने यह दावा किया था कि उन्होंने एलएलबी किया हुआ है। बाद में यह पाया गया कि उनकी डिग्री नकली थी और 2017 में उनकी कानून की डिग्री रद्द कर दी गई थी।