बता दें कि गुरुवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो बेहद ऐतिहासिक रहा। पीएम मोदी के इस मेगा रोड शो में मज़हब की दीवारें ढह गई। क्या हिंदू, क्या मुसलमान सभी पीएम मोदी के साथ खड़े थे। वाराणसी के शिवाला की छोटी सी सड़क पर फ़ैज़ सिल्क हाउस के ठीक सामने टोपी लगाए मुसलमानों का जमावड़ा जुटा हुआ था। ये लोग घंटों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो का इंतजार कर रहे थे।
टोकरियों में गुलाब की पंखुड़ियों के साथ चिलचिलाती धूप और उमस वाली गर्मी में घंटों इंतज़ार करते-करते आख़िर उन्हें प्रधानमंत्री की गाड़ियों का काफ़िला नज़र आया। सबसे आगे भाजपा कार्यकर्ताओं का हुजूम, मोटरसाइकिलों का काफिला और फिर सायरन बजाती हुई सुरक्षा अमले की गाड़ियां। इसी बीच दूर से पीएम मोदी अपनी गाड़ी पर लोगों का अभिवादन करते नजर आ रहे थे।

प्रधानमंत्री के वाहन के ठीक सामने ट्रक पर शाहनवाज़ हुसैन, शाज़िया इल्मी और जेपी नड्डा सवार थे। मोदी-मोदी के नारे गूंज रहे थे और जैसे ही पीएम मोदी की नजर शिवाला के फ़ैज़ सिल्क हाउस के बाहर मंच पर खड़े मुसलमानों के समूह पर पड़ी, जो उनके स्वागत के लिए खड़े थे। उन्हें देखते ही पीएम मोदी ने अपने पास मौजूद फूलों को हाथों में उठाया और उनकी तरफ उछाल दिया। इसके बाद नारे और भी जोर-शोर से लगने लगे।
गुरुवार के दिन पूरे वाराणसी में गहमा-गहमी का माहौल रहा। पीएम मोदी के रोड शो के दिन दोपहर को कांग्रेस ने बता दिया कि वाराणसी से प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी बल्कि उनकी जगह पुराने स्थानीय नेता अजय राय को टिकट दिया गया है।

वाराणसी की सड़कें मोदीमय थीं। कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया कि इस बार के रोड शो में साल 2014 से भी ज़्यादा भीड़ थी। रोड शो के दौरान ऐसा लग रहा था कि वाराणसी का हर तबका इसमें शामिल है। सिर्फ़ इतना ही नहीं विदेश से आए कुछ पर्यटक भी कार्यकर्ताओं के बीच मोदी का मास्क लगाकर घूम रहे थे और लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे।

Related News