दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं और इस चुनाव में दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल काफी मेहनत करते नजर आ रही है, दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा की 12 सीटें आरक्षित हैं, चुनावी इतिहास गवाह है कि जो दल इन 12 आरक्षित सीटों को अपने पक्ष में करने में सफल रहा, वही सत्ता पर काबिज हुआ।

आरक्षित 12 सीटों में अंबेडकर नगर, त्रिलोकपुरी, करोल बाग, पटेल नगर, सीमापुरी, मंगोलपुरी, सुल्तानपुर माजरा, मादीपुर, गोकलपुर, बवाना, देवली और कोंडली सीट शामिल है. ऐसे में तीनों ही राजनीतिक दल इन सीट पर जीत हासिल करने में जुटे हैं।

चुनावी इतिहास को देखा जाए तो इन 12 सीट में अधिकतर सीट एक ही राजनीतिक दल के पास होती हैं, यही वजह है कि वह पार्टी में सत्ता में रही है। 1998 से लेकर 2008 तक कांग्रेस इन 12 में से 80 फीसदी सीटों पर काबिज रही, कांग्रेस इस दौरान हुए 3 चुनावों में 3 बार सत्ता में काबिज रही। 2013 के विधानसभा चुनाव में इनमें से अधिकांश सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा, 2015 में हुए चुनाव में यह सभी सीटें उसकी झोली में गईं।

लेकिन बीजेपी के लिए यह 12 सीट सबसे कमजोर रही हैं, इसलिए इन दिनों बीजेपी पूरी मेहनत में है और कोशिस कर रहे है कि इन 12 सीट में कैसे अपना दबदबा बनाए। अब देखना ये है कि बीजेपी इस काम में सफल होते है या नहीं।

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