कोरोना के खिलाफ केंद्र सरकार को अप्रैल के अंत तक कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। लॉकडाउन के साथ ही कोरोना से प्रभावित हॉटस्पॉट को सील कर संक्रमण की रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, तबलीगी जमात से सरकार के लॉकडाउन प्लान को गहरा धक्का लगा है और उसके तंत्र का एक बड़ा हिस्सा जमात और उसके कनेक्शन को खोजने में ही जुटा है।

सूत्रों के अनुसार केंद्र ने राज्यों के साथ अब जो योजना साझा की है, उसमें लॉकडाउन को कम से कम दो सप्ताह बढ़ाने और हॉटस्पॉट को सील कर प्रभावितों का पता लगाकर उनको अलग-थलग करना है। इसके लिए 14 अप्रैल के बाद दो सप्ताह और चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो लगता है लॉकडाउन बढ़ सकता है।

सरकार का मानना है महामारी से निपटने, उससे उत्पन्न आर्थिक हालात और सामान्य जनजीवन को पटरी पर लाने में लंबा समय लगेगा। क्योंकि यह केवल एक देश की नहीं बल्कि वैश्विक समस्या है, जिसके लंबे समय तक प्रभाव होंगे। हालांकि भारत में इसका तेजी से प्रसार ना होने से हालात विकराल नहीं है, और अभी भी इस समस्या से लड़ने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।

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