इंडियन एयरफोर्स के जांबाज योद्धा हैं अभिनंदन, जानें उनसे जुड़ी कुछ खास सैन्य जानकारियां
बता दें कि इंडियन एयरफोर्स के जांबाज फ्लाइंग पायलट अभिनंदन इन दिनों देश—दुनिया में सुर्खियों में बने हुए हैं। वजह है जब कि भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तान विमान को खदेड़ते हुए इंडियन एयरफोर्स का मिग 21 बायसन पीओके में क्रैश हो गया, तब पाकिस्तान ने उन्हें कैद कर लिया। बता दें कि पाकिस्तान सरकार विंग कमांडर अभिनंदन को आज दोपहर 2 बजे रिहा कर रही है। आइए जानते हैं विंग कमांडर अभिनंदन से जुड़ी कुछ खास बातें।
विंग कमांडर अभिनंदन मूल रूप से कांचीपुरम से 15 किमी दूर तिरुपानामूर के रहने वाले हैं। अभिनंदन की शादी हो चुकी है और इनके दो बच्चे भी हैं। अभिनंदन के पिता सिम्हाकुट्टी वर्धमान रिटायर्ड एयर मार्शल रह चुके हैं। बता दें कि अभिनंदन की पत्नी तन्वी मारवाह भी स्क्वाड्रन लीडर के पद से रिटायर हो चुकी हैं। विंग कमांडर अभिनंदन के भाई भी भारतीय वायुसेना में सेवा दे रहे हैं।
विंग कमांडर अभिनंदन ने साल 2004 में इंडियन एयरफोर्स ज्वॉइन की थी। अभिनंदन की मूछों के कारण उनके दोस्त उन्हें वीरप्पन नाम से पुकारते हैं। अभिनंदन को मिग—21 लड़ाकू विमान उड़ाने का बहुत शौक है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि विंग कमांडर अभिनंदन सूर्य किरण एयरोबेटिक टीम के सदस्य हैं। मतलब है अभिनंदन एक देश के एक बेहतरीन पायलट हैं। सूर्य किरण का अर्थ है Rays of Sun। इस टीम का गठन 1996 में किया गया था। यह टीम एयरफोर्स की 52वीं स्क्वाड्रन का हिस्सा थी। गठन के बाद से इस टीम ने कई जगहों पर अपने करतबों से सभी को मंत्रमुग्ध किया है।
बता दें कि 34 वर्षीय विंग कमांडर अभिनंदन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के पूर्व छात्र रहे हैं। ट्रेनिंग के बाद अभिनंदन को वायुसेना में 19 जून 2004 को एक लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था।
इंडियन एयरफोर्स में अभिनंदन लगातार 16 वर्षों तक एक फाइटर पायलट के रूप में जाने जाते रहे हैं। मिग-21 बाइसन स्क्वाड्रन उड़ाने से पहले अभिनंदन भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 के बेहतरीन पायलट रहे हैं।