भारत में डॉलर के मुकाबले रूपए का स्तर बुरी तरह गिर चुका है। आपको बता दें कि इस देश में एक डॉलर की कीमत करीब 72 रूपए के आस-पास पहुंच चुकी है। जिसके चलते विपक्षी पार्टियों द्वारा केंद्र सरकार के विरूद्ध सियासी हमला करने की एक बड़ी वजह मिल गई है।

लेकिन दोस्तों आपको बता दें कि भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में डॉलर वहां की करेंसी पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। इन देशों में चीन और ईरान जैसे देशों का नाम भी शामिल है, जहां डॉलर के सामने स्थानीय करेंसी घुटनों के बल बैठ चुकी है।

डॉलर के मुकाबले ईरान की करेंसी रियाल की हालत तो बुरी तरह से खराब हो चुकी है। डॉलर की तुलना में रियाल इतने निचले स्तर पर पहुंच चुका है, जिसकी आप उम्मीद तक नहीं कर सकते हैं। 13 सितंबर 2018 को एक डॉलर की कीमत 42105 रियाल रही। डॉलर के मुकाबले रियाल के गिरते स्तर से ईरान के बाजारों की हालत बिल्कुल खस्ता हो चुकी है।

ईरान में रियाल की हालत इतनी बुरी हो चुकी है कि बड़ी रकम खर्च करने के लिए लोगों को रियाल नहीं बल्कि सोने के सिक्के देकर काम चलाना पड़ रहा है। शादी-ब्याह तथा मकान के किराए से लेकर प्रॉपर्टी खरीदने तक के लिए ईरान की जनता सोने के सिक्कों का इस्तेमाल कर रही है।

दोस्तों, आपको बता दें कि पिछले साल 29 जुलाई को ईरान में रियाल अपने सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच चुका था। 29 जुलाई को एक डॉलर की कीमत 1 लाख रियाल हो गई थी।

रियाल के गिरते स्तर के चलते यहां के लोग किसी भी बड़ी खरीददारी के लिए सोने के सिक्कों का इस्तेमाल कर रहे हैं। मौजूदा समय में ईरान में एक सोने के सिक्के की कीमत 4 करोड़ रियाल के बराबर हो चुकी है।

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की ओर से ईरान में न्यूक्लियर डील तोड़ने का ऐलान करने के बाद स्थानीय करेंसी रियाल में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। ईरान की करेंसी रियाल में बड़ी गिरावट अभी भी जारी है। ईरान में रियाल के घटते स्तर के कारण यहां की जनता ने मकानों के किराए भी बढ़ा दिए हैं। अब मकान मालिक अपने किराएदारों से किराया रियाल नहीं बल्कि सोने के सिक्कों के रूप में ले रहे हैं।

गौरतलब है कि तेहरान में 95 स्क्वायर मीटर के अपार्टमेंट का किराया 2 सोने का सिक्का कर दिया गया है। डॉलर के मुकाबले रियाल इसी तरह से नीचे गिरता रहा तो ईरान की हालत बद से बदतर हो जाएगी।

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