नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में तो आसानी से पास हो गया लेकिन कब राज्यसभा में पेश करनी थी तब बहुत ही बबाल हुआ, लेकिन राज्यसभा में पेश हुए बिल के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि इसके खिलाफ 105 मत पड़े। लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाला शिवसेना का कदम रहा।

शिवसेना ने लोकसभा में सरकार का साथ देकर कांग्रेस को झटका दिया था। उसी तरह उसने फिर राज्यसभा में बिल के खिलाफ मत न देकर केन्द्र सरकार को मदद पहुंचायी। क्योंकि शिवसेना और बसपा ने राज्यसभा में इसके बिल के खिलाफ वॉकआउट किया। राज्यसभा में शिवसेना का स्टैंड न तो सरकार के पक्ष में था तो विपक्ष के पक्ष था। लेकिन सदन से वॉकआउट कर उसने केन्द्र सरकार को एक तरह से मदद ही पहुंचाई।

अब बिल के पारित हो जाने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उसके वहां से मंजूरी मिल जाने के बाद ये कानून बन जाएगा। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने इस बिल के राज्यसभा से पास हो जाने बात कहा कि ये काला दिन है तो भाजपा ने कहा कि ये ऐतिहासिक दिन है।

Related News