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उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को लेकर विवाद चल रहा है। जहां कुछ स्कूली शिक्षक इस सिस्टम का विरोध कर रहे हैं, वहीं अब नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है। आजाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।


आज़ाद ने स्कूलों में शिक्षकों के लिए डिजिटल उपस्थिति को अव्यवहारिक बताते हुए इसकी आलोचना की और कहा कि इससे शिक्षकों के बीच निगरानी की स्थिति पैदा होगी। उन्होंने तर्क दिया कि इससे शिक्षकों की गरिमा और विश्वसनीयता धूमिल हो सकती है, जिससे छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।


सीएम योगी को लिखे पत्र में आजाद ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा निदेशक द्वारा 5 जुलाई को जारी किया गया सभी 12 रजिस्टरों को डिजिटल करने का आदेश अनुचित और अव्यवहारिक प्रतीत होता है। उन्होंने चिंता जताई कि लगातार मोबाइल फोन पर काम करने वाले शिक्षकों से अभिभावकों और साथी शिक्षकों को नकारात्मक संदेश जा सकते हैं। आजाद ने शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति की निगरानी को अनुचित और अव्यवहारिक बताया।

आजाद ने सीएम योगी आदित्यनाथ से समाज में शिक्षकों की गरिमा और विश्वसनीयता पर विचार करने और संबंधित अधिकारियों को आदेश वापस लेने का निर्देश देने का आग्रह किया। गौरतलब है कि यूपी के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए डिजिटल अटेंडेंस 8 जुलाई से शुरू हुई थी, जिसका शिक्षकों ने विरोध किया था।

शिक्षकों का कहना है कि सड़क और परिवहन की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्कूलों तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं। कई शिक्षक इस कदम के विरोध में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं।

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