क्या छुट्टी के दौरान भी सैनिक अपनी बंदूकें घर ले जा सकते हैं, जानिए यहाँ
भारत की सेना देश की रक्षा करती है और उनकी जिम्मेदारी बेहद ही कठिन होती है। सेना का काम देश की सीमा पर शान्ति बनाए रखने के साथ साथ बाहरी आक्रमण को रोकना भी होता है।
यह प्राकृतिक आपदाओं और अन्य गड़बड़ी के दौरान मानवीय बचाव अभियान भी चलाते है, जैसे ऑपरेशन सूर्य आशा, और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए सरकार द्वारा भी सहायता हेतु अनुरोध किया जा सकता है।
लेकिन आज हम सेना के जवानों के बारे में बात करने जा रहे हैं। क्या सेना के जवान छुट्टियों के दौरान अपने साथ बंदूकें ले जा सकते हैं ?
दरअसल ये सब परिस्थिति पर निर्भर करता हैं। एक जवान या सैनिक अपने बंदूक अपने घर नहीं ले जा सकता। उसे छुट्टी पर जाने से पहले अपने बंदूकें ( KOTE ) कोट जो किलर ऑपरेशनल एंड टैक्टिकल इक्विपमेंट में जमा करवाने होते हैं।
लेकिन कभी-कभी एक सैनिक को हथियार रखने की इजाजत दी जाती है। जब सैनिकों का घर जम्मू कश्मीर जैसी सीमाओं पर होता है तो वहां पर हमले की आशंका रहती है। ऐसे में उन्हें बंदूकें रखने की इजाजत दी जाती है। लेकिन इसके लिए उन्हें कई ऑफिसर से परमिशन लेनी होती है और कई कागज भी साइन करने होते हैं।