जेपी नड्डा की अध्यक्षता में ही भाजपा अगला यानी 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी । नड्डा का यह कार्यकाल अगले वर्ष 20 जनवरी को खत्म हो रहा है। उससे पहले संसदीय बोर्ड उनका कार्यकाल बढ़ाने के फैसले पर मुहर लगा देगा। अध्यक्ष का कार्यकाल भाजपा में तीन साल का होता है और यह लगातार दो बार हो सकता है। वर्तमान स्थिति में लगातार चुनाव होने वाले हैं।

जारी रहेगा चुनावी सीजन
पार्टी नेतृत्व का यह मन बन चुका है कि फिलहाल अध्यक्ष का चुनाव टालकर नड्डा के कार्यकाल को लगभग डेढ़ साल का विस्तार दिया जाए ताकि पार्टी बिना भटकाव के लोकसभा चुनाव तक रणनीति को जमीन पर उतार सके। गुजरात और खुद नड्डा के गृह राज्य हिमाचल में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगले साल मार्च-अप्रैल में कर्नाटक के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव हो सकते हैं।

संघ के भी प्रिय हैं नड्डा
बंगाल में भाजपा बड़ी मजबूती के साथ मुख्य विपक्षी दल बनकर उभरी। बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उनके अध्यक्षकाल में तीन सालों में देश में जितने भी उपचुनाव हुए, उनमें लगभग 56 प्रतिशत सीटें भाजपा की झोली में आईं। नड्डा की खासियत यह है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के भी विश्वस्त है तो संघ के भी प्रिय। यही नहीं, वह कार्यकर्ताओं के लिए सहज-सुलभ हैं। ऐसे में फिलहाल पार्टी की कमान उनके ही हाथ रहने की संभावना है।

संसदीय बोर्ड के फैसले पर दारोमदार
कार्यकाल विस्तार का फैसला संसदीय बोर्ड के ही अधिकार क्षेत्र में आता है। उधर, चुनाव की पूरी प्रक्रिया होती है जिसे राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अंतिम मंजूरी दी जाती है। वैसे भी नड्डा ने कोविड संक्रमणकाल के वक्त जिस तरह पार्टी के अंदर संवाद स्थापित कर प्रचार-प्रसार किया, उसका असर साफ दिखा था। उनके कार्यकाल में ही पार्टी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में दोबारा जीत कर सत्ता में आई।


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