इंटरनेट डेस्क। आपातकाल का दौर था, साल 1976 में यूपी की एक जेल में राजनाथ सिंह भी कैद थे। उस समय उनकी उम्र मात्र 24 साल थी। उनके साथ एक दिग्गज जनसंघी नेता रामप्रकाश गुप्त भी बंद थे। उन्होंने राजनाथ सिंह का हाथ देखकर कहा था कि तुम एक दिन बड़े नेता बनोगे।

आखिरकार 1977 के विधानसभा चुनाव में राजनाथ सिंह पहली बार विधायक बने। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1984 में भाजयुमो के प्रदेशाध्यक्ष, 1986 में भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष, 1994 में राज्यसभा सदस्य तथा 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय परिवहन मंत्री तथा साल 2000 में यूपी के मुख्यमंत्री।

जानकारी के लिए बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी ने जिन्ना विवाद में फंसकर जब भाजपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, तब जनवरी 2006 में राजनाथ सिंह पहली भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।

इसके बाद राजनाथ सिंह को एक बार फिर से इस पद की जिम्मेदारी ​दी गई। इस प्रकार साल 2009 तक वह भाजपा के अध्यक्ष पद पर बने रहे, लेकिन उसी साल लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

2009 में नितिन गडकरी भाजपा अध्यक्ष बनाए गए, लेकिन वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में साल 2013 में उन्हें अपने पद से हटना पड़ा। अब एक बार फिर से साल 2013 में भाजपा अध्यक्ष पद की कुर्सी राजनाथ सिंह के पास आ गई। लेकिन साल 2014 में मोदी कैबिनेट में गृहमंत्री बनने के बाद यह पद अमित शाह के पाले में चला गया। पिछले 4 साल से अमित शाह ही अध्यक्ष पद की कुर्सी पर विराजमान हैं।

Related News