लोकसभा चुनाव-2014 में अगरतला के स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में नरेंद्र मोदी की चुनावी जनसभा पूरी तरह से फ्लॉप रही थी। 40 हजार की क्षमता वाले इस स्टेडियम में महज 7 हजार लोग पहुंचे थे। इस चुनाव में त्रिपुरा से बीजेपी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई थी। लेकिन महज 2 साल के भीतर ही बिप्लव देब ने इस राज्य का सियासी समीकरण बदलकर रख दिया। वर्तमान में बिप्लव देब त्रिपुरा के मुख्यमंत्री हैं। आईए जानतें है, कौन है बिप्लव देव।

त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से पढ़ने वाले बिप्लव देव का जन्म गोमोती जिले में उदयपुर नगर पालिका के पास मौजूद एक छोटे गांव ककराबन में हुआ। यूनिवर्सिटी पढ़ाई के दौरान ही बिप्लव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ चुके थे। इसके बाद 1999 में वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए। दिल्ली में उनकी मुलाकात बीजेपी के वरिष्ठ नेता के.एम. गोविंदाचार्य से हुई। इसके बाद से वह संगठन के आदमी बन गए। संगठन का काम देखने के लिए बिप्लव को अलग-अलग राज्यों में भेजा जाने लगा। खुद का खर्च चलाने के लिए बिप्लव ने जिम इंस्ट्रक्टर की नौकरी कर ली। इतना ही नहीं संघ की शाखाओं में वह शारीरिक शिक्षा की ट्रेनिंग भी देने लगे।

2014 में जब अमित शाह के हाथों में बीजेपी संगठन की कमान सौंपी गई। उस वक्त संघ के सक्रिय कार्यकर्ता सुनील देवधर को त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया। इस दौरान सुनील देवधर ने बिप्लव को अपने साथ ले लिया। इन दोनों ने साथ मिलकर काम किया। पहले ग्राम पंचायत फिर डिस्ट्रिक्ट काउन्सिल और बाद में विधानसभा चुनाव में बिप्लव की मेहनत रंग लाई। लिहाजा अमित शाह ने सुनील देवधर की जगह बेहतरीन वक्ता बिप्लव देव को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के लिए नामित किया।

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