तीन नवंबर को मोकामा और गोपालगंज सीट के लिए उप चुनाव होने हैं। उसके बाद ही कुढ़नी का नंबर आएगा। सहनी की सदस्यता तीन सितंबर 2022 से समाप्त की गई है। उसी दिन नई दिल्ली स्थित राऊज एवेंन्यू कोर्ट से उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई। नियमत: उसी दिन उनकी विस सदस्यता समाप्त हो गई। विधानसभा ने शुक्रवार को सदस्यता समाप्ति की औपचारिक घोषणा की।

बिना यात्रा किए भत्ता लेने का आरोप
सहनी 2009 से 2018 तक जदयू के राज्यसभा सदस्य थे। 31 अक्टूबर 2013 को केंद्रीय सतर्कता आयोग ने उनके खिलाफ बिना यात्रा किए भत्ता लेने के आरोप में मामला दर्ज किया। सीबाआइ ने जांच के दौरान आरोप की पुष्टि की। कुल 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी पकड़ी गई। उन पर जाली ई टिकट और बोर्डिंग पास के उपयोग का आरोप भी प्रमाणित हुआ। अनिल सहनी 2020 में राजद उम्मीदवार की हैसियत से पहली बार विधानसभा का चुनाव जीते। 2019 में उन्होंने पूर्वी चंपारण से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था, जिसे बाद में वापस ले लिया।

बिना यात्रा किए राज्यसभा से लाखों रुपये का भत्ता (एलटीसी) लेने के आरोप में सजा पाए राजद के विधायक डा. अनिल कुमार सहनी की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई। वे मुजफ्फरपुर जिला के कुढ़नी से विधायक थे। विधानसभा ने कुढ़नी को रिक्त घोषित कर इसकी सूचना चुनाव आयोग को दे दी है, ताकि सुविधानुसार वहां उपचुनाव हो सके।


राजद के चौथे विधायक
अनिल सहनी 2015 के बाद सजा पाने के चलते सदस्यता गंवाने वाले राजद के चौथे विधायक हैं। इससे पहले मोकामा के राजद विधायक अनंत सिंह को भी आपराधिक मामले में सजायाफ्ता होने के बाद सदस्यता गंवानी पड़़ी है। 2015 में राजद टिकट पर डेहरी से चुनाव जीते मो. इलियास हुसैन और नवादा के राजबल्लभ यादव को भी इसी आधार पर विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी। हुसैन कुख्यात अलकतरा घोटाला के में सजायाफ्ता हैं, जबकि राजबल्लभ को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा मिली है।


विधानसभा की दलगत स्थिति
राजद-78, भाजपा-76, जदयू-45, कांग्रेस-19, भाकपा माले-12, एआइएमआइएम-01, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा-04, माकपा-2, भाकपा-02, निर्दलीय-01, रिक्त-03, कुल-243।

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