बड़ा रहस्य : संजय गांधी की हत्या के पीछे था इंदिरा गांधी का हाथ
गांधी परिवार मेंं संजय गांधी एक ऐसे शख्स थे, जो हमेशा विवादों मेंं रहे। चाहे मेनका गांधी से उनकी शादी का मामला हो या फिर उनकी अपनी मां इंदिरा गांधी से संबंधों की बात हो। संजय गांधी इंदिरा गांधी के छोटे बेटे थे। 23 जून 1980 मेंं मात्र 33 साल की उम्र मेंं उनकी मृत्यु हो गई।
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कहा जाता है कि इंदिरा गांधी ने संजय की मौत की खबर के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, 'उसकी घड़ी और चाबियां कहां है।' तब यह अफवाह थी कि अचानक हुए इस हादसे के पीछे किसी का हाथ है। यहां कि इंदिरा की भूमिका को लेकर भी तमाम तरह की अफवाह उड़ने लगी।
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अंतिम संस्कार के समय जब चिता में आग देने के लिए राजीव ने हाथ आगे बढ़ाया, तब इंदिरा ने उन्हें इशारे से रुकने को कहा। उन्होंने कहा कि संजय के शरीर से लिपटे कांग्रेस का झंडा हटाया नहीं गया है। संजय का दाह संस्कार करने के अगले दिन बाद ही इंदिरा गांधी अपने ऑफिस मेंं बैठी फाइलें देख रही थीं। इंदिरा गांधी की ऐसी प्रतिक्रिया से ये लग रहा था कि संजय की मौत में उनकी भी भूमिका थी।