दोस्तों, आपको याद दिला दें कि मई, 2017 में सहारनपुर जिले में दलितों और ठाकुरों के बीच हुए संघर्ष के बाद भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद पहली बार सुर्खियों में आए। बता दें कि चंद्रशेखर आजाद के विरूद्ध रासुका सहित कई मामले दर्ज है। एक साल से जेल में रहने के बाद सितंबर में वह जमानत पर​ रिहा हुए।

फिलहाल चंद्रशेखर आजाद यूपी की सियासत में अपनी जगह बनाने में लगे हुए हैं। कैराना लोकसभा उपचुनाव के दौरान उन्होंने जेल से ही भाजपा के खिलाफ सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान किया था।

जेल से रिहाई के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को हराने का संकल्प लिया है। द इंडियन एक्‍सप्रेस से रूबरू होते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि चुनाव में जहां भी बसपा के प्रत्याशी कमजोर होंगे, हम उनका समर्थन करेंगे।

हांलाकि मायावती यह पहले ही कह चुकी हैं कि चंद्रशेखर से उनका कोई नाता नहीं हैं, इस प्रश्न पर भीम आर्मी चीफ ने कहा कि मैं एक सामाजिक आंदोलन का हिस्‍सा हूं। हमने अपने काडर को शिक्षा और उत्‍पीड़न के शिकार पीडि़तों की मदद करने का जिम्‍मा सौंपा है।

एक सवाल के जवाब में चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यदि मुझ पर चीजें छोड़ दी जाए तो मैं मोदी जी को हटाकर तत्काल मायावती को प्रधानमंत्री बना दूंगा। चूंकि यह लोकतांत्रिक देश है, इसलिए हम सभी कुछ निश्चित नियमों का पालन करना ही होगा। इस नेता ने कहा कि बसपा भीम आर्मी को क्यों नहीं पसंद करती है, यह उनका निजी मामला है।

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