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दोस्तों, आपको जानकारी के लिए बता दें कि जेडीयू की तरफ से राज्यसभा में पहुंचे हरिवंश को साल 2018 में उपसभापति के लिए निर्वाचित किया गया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा करने वाले हरिवंश ने पत्रकारिता से ही अपने करियर की शुरूआत की थी। टाइम्स समूह तथा रविवार, धर्मयुग जैसी कई प्रसिद्ध पत्रिकाओं में काम कर चुके हरिवंश ने पत्रकारिता को केवल इसलिए चुना कि वह राजनीति से गहरा जुड़ाव महसूस करते थे।

लोकलुभावन घोषणाओं वाली राजनीति को देश के लिए नुकसानदेह बताते हुए उपसभापति हरिवंश ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने हिम्मत नहीं दिखाई होती तो आज हमारा देश यहां नहीं खड़ा होता बल्कि दुनिया के कई देशों की तरह कंगाल हो गए होते।

जी हां, दोस्तों, तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को जब उनके वित्त सचिव ने बताया कि हमारे पास महज 21 दिन का विदेशी मुद्रा भंडार है, ऐसे में आगे का काम कैसे चलेगा। जाहिर है पहले की सरकारों ने आंख मूंदकर केवल खर्च किया था, तथा कठिनाईयों से बचते रहने की भरपूर कोशिश की थी।

उस दौरान प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने हिम्मत दिखाई और पर्याप्त सोना गिरवी रखकर देश की साख को बचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि देश के सभी नेताओं को उन सवालों के जवाब खोजने होंगे जो देश के सामने हैं और भविष्य में आने वाले हैं।

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