गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल में दिखा उम्र, अनुभव, जाति व क्षेत्रीय समीकरणों का संतुलन
पॉलिटिकल डेस्क। राजस्थान को नया सीएम और नई सरकार मिल चुकी हैं। सोमवार को राजभवन में 23 नए मंत्रियों ने शपथ ली। जिसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने का प्रयास किया गया। कई दिग्गज नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली तो कुल 18 नेता ऐसे रहे जिन्हें पहली बार किसी सरकार में मंत्री बनाया गया हैं। गहलोत सरकार मंत्रिमंडल में अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत रहने वाले विधायकों को ज्यादा तवज्जो दी गई हैं।
राज्य के नए मंत्रिमंडल में साल 2013 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद जीतने वाले विधायक रमेश मीणा, गोविंद डोटासरा, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना और राजेंद्र यादव को शामिल किया गया हैं। प्रदेश के पांचवे उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने नए मंत्रिमंडल को उम्र, अनुभव, जाति व क्षेत्रीय समीकरणों में संतुलन का प्रतीक कहा। उन्होंने कहा सरकार में इस बार अनुभव और युवा जोश को तरजीह दी गई हैं।
पायलट ने नए मंत्रिमंडल को भविष्योन्मुखी व उर्जावान कैबिनेट बताया। नए चुने गए मंत्रियों में शांति धारीवाल, मास्टर भंवर लाल, प्रमोद जैन भाया व परसादी लाल मीणा शामिल हैं जो पहले राज्य में मंत्री रह चुके हैं। वही बुलाकी दास कल्ला भी मंत्री रह चुके हैं। राज्य के सात संभागों में से जयपुर संभाग के सात मंत्री और भरतपुर संभाग से चार, बीकानेर, कोटा व जोधपुर संभाग से तीन-तीन व अजमेर संभाग से एक मंत्री बना हैं।
गहलोत सरकार के नए मंत्रिमंडल में सबसे युवा 34 वर्षीय अशोक चांदना और 75 वर्षीय शांति कुमार धारीवाल सबसे उम्रदराज मंत्री हैं। सीपी जोशी, हेमाराम चौधरी, दीपेंद्र सिंह शेखावत व परसराम मोरदिया जैसे कई दिग्गज नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई हैं।