UNGA में भारत ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब, कहा- अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए इस मंच का उपयोग करना सही नहीं है
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77 वें सत्र में पाक पीएम शहबाज शरीफ ने बीते दिन भारत के खिलाफ एक बार फिर झूठ फैलाने की कोशिश की। जब पाक पीएम ने भारत में अल्पसंख्यकों और कश्मीर के मुद्दे को उठाया तो भारत ने भी उन्हें मुहतोड़ जवाब दिया। भारत ने जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए उनके देश में फैले आतंकवाद को याद दिलाया। भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने कहा कि पाकिस्तान एक तरफ आतंक को बढ़ावा देता है और दूसरी तरफ शांति की बात करता है।
कुकर्मों को छिपाने की कोशिश
भारतीय के राजनयिक मिजिटो विनिटो ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए इस सम्मानित सभा का मंच चुना है। उन्होंने अपने ही देश के काले कारनामो को छिपाने और भारत के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए ऐसा किया है जिसे दुनिया कभी स्वीकार नहीं सकती।
मुंबई में आतंकवादी हमला करने वालों को दिया आश्रय
भारतीय राजनयिक ने कहा की एक देश जो अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहने का दावा करता है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा। न ही वह भयानक मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के योजनाकारों को आश्रय देगा।
अपने घर में झांकें शहबाज
पाक पीएम का जवाब देते हुए भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने कहा कि भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने से पहले पाकिस्तान को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। विनिटो ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर पर दावा करने के बजाय पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद को रोकना चाहिए।
पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार
विनिटो ने यह भी कहा पाक पीएम ने जो भारत में अल्पसंख्यक समुदाय का मुद्दा उठाया है वो सरासर झूठ का पुलिंदा है। इसके बजाए पाक पीएम को अपनी सरजमीं पर हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार को रोकना चाहिए। हजारों की संख्या में युवा महिलाओं का अपहरण कर लिया जाता है, तो हम इससे क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
शहबाज ने उठाया था कश्मीर का मुद्दा
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने UNGA में कश्मीर मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा कि कश्मीर से धारा-370 हटाने से वहां कि शांति की गुंजाइश कम हो गई है। उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों और उसे हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही थी। उन्होंने इसी के साथ यूएन में स्थायी सदस्य जोड़ने का भी विरोध किया और कहा कि इससे व्यवस्था बिगड़ जाएगी।