जब अटल जी के भड़काऊ भाषण से बेकाबू जनता ने गिरा दी थी बाबरी मस्जिद
अटल बिहारी वाजपेयी की 17 अगस्त 2019 को पहली पुण्यतिथि है। बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 17 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में हुआ था। उस समय वे डिमेंशिया नाम की बिमारी से जूझ रहे थे।
उन्हें आज भी याद किया जाता है और लोग उन्हें काफी मानते हैं। लेकिन आज हम आपको अटल जी के जीवन से जुड़े एक किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं। उनकी जिंदगी में एक काला दिन आया था जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
दरअसल, यह मामला साल 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने का है। मस्जिद गिराने में बीजेपी के बड़े नेताओं का हाथ माना जाता है। ये मामला काफी दिनों से अदालत में चल रहा है इसका अभी तक भी कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन 6 दिसंबर 1992 से एक दिन पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने जनता से ऐसा क्या कहा, जिससे जनता ने बेकाबू होकर बाबरी मस्जिद को ही गिरा दिया।
उस दौर में राजनीति के सबसे खिलाड़ी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भाषण में इशारों-इशारों में संकते दे दिए थे कि क्या होने वाला है। अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है वह कार्य सेवा के लिए रोकता नहीं है। इस आदेश के मुताबिक हम कार्यसेवकों को कार्यसेवा करने का अधिकार मिल गया है। रोकने का तो सवाल ही नहीं है। कार्यसेवा करके सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान किया जाएगा। वाजपेयी ने कहा था ‘यज्ञ का आयोजन, भजन कीर्तन होगा, इसके लिए जमीन को समतल करना पड़ेगा।’
हालांकि हैरानी की बात यह है कि भाषण देने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली चले गए थे। अगले दिन जब मस्जिद गिरा दी गई तो उन्होंने इसे काला दिन भी बताया था।