इंटरनेट डेस्क। 12 नवंबर, 1973 को न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को संसद में विपक्षी नेताओं के आक्रोश का सामना करना पड़ा था। विपक्षी नेताओं का यह आक्रोश 6 सप्ताह तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ​ही दिन देखने को मिला था।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि देशभर में पेट्रोल की कीमतों आई भारी तेजी के चलते विपक्ष इंदिरा सरकार का जमकर विरोध कर रहा था। ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन पेट्रोल दामों में हुई बढ़ोतरी का विरोध करने के लिए बैलगाड़ी से संसद पहुंचे थे। जब अन्य विपक्षी नेता साइकिल से संसद आए थे।

वामपंथी पार्टियों सहित पूरे विपक्ष ने देश में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों में बढ़ोतरी के लिए इंदिरा सरकार को दोषी ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की थी। दोस्तों आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी के साथ जनसंघ के दो अन्य सदस्य भी बैलगाड़ी से पार्लियामेंट पहुंचे थे।

गौरतलब है उन दिनों देशवासियों से तेल बचाने की अपील करते हुए इंदिरा गांधी ने बग्घी से यात्रा की थी। इंदिरा सरकार ने 1973 में तेल के दामों में 80 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी की थी। साल 1973 में हुए तेल संकट के दौरान ओपेक ने तेल आयात करने वाले देशों की आपूर्ति में कटौती कर दी थी।

Related News