नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे केंद्र सरकार के खिलाफ 30 जनवरी से आमरण अनशन शुरू करने जा रहे हैं। अन्ना हजारे का कहना है कि 2018 से वह केंद्र सरकार से स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का आग्रह कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने इन मांगों को प्राथमिकता नहीं दी। जिसके कारण 30 जनवरी से सरकार के खिलाफ उनका आमरण अनशन शुरू हो जाएगा। बता दें कि अन्ना हजारे इस उपवास को रालेगण सिद्धि के यादव बाबा मंदिर में करने जा रहे हैं। हालांकि, सरकार उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है।

उल्लेखनीय है कि रालेगण 29 जनवरी को केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी अन्ना हजारे को आमरण अनशन स्थगित करने के लिए मनाने के लिए सिद्धि पहुंचेंगे। पिछले कुछ दिनों में, रालेगण सिद्धी महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व प्रमुख हरिभाऊ बागड़े, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, अहमदनगर के सांसद सुभाष विखे पाटिल और राज्य विरोधी नेता अन्ना को मनाने आए हैं। हालांकि, उनकी बातचीत से कोई हल नहीं निकला। अन्ना स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें एमएसपी की मांग पर जोर देती हैं।



वहीं, दिल्ली में देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से बात करते हुए आज अन्ना हजारे को एक ड्राफ्ट दिया है। उसे देखने के बाद, अन्ना कृषि मंत्री की कमियों की जानकारी तोमर को भेजेंगे। अगर सरकार इससे सहमत होती है तो शायद अन्ना अपना अनशन वापस ले सकते हैं।

Related News