अमरावती: पिछले गुरुवार को आंध्र प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इसी समय, सरकार के हलफनामे में महत्वपूर्ण मुद्दा राजधानियों का निर्णय रहता है। केंद्र ने अपने हलफनामे में यह बात कही है। यह भी बताया गया है कि राज्य सरकार को राजधानी के साथ-साथ विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों, परियोजनाओं के निर्माण का अधिकार है।

इसके साथ ही, प्रशासन के विकेंद्रीकरण के साथ पूंजी के हस्तांतरण पर याचिकाकर्ता की आपत्ति, सीआरडीए निरस्तीकरण कानून लंबित नहीं है। दरअसल, आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने तक विभाजन प्रक्रिया को अधूरा मानने की बात भी कही गई है। साथ ही इस समय हर बैठक में विशेष दर्जे की बात कही जा रही है। हां, विशेष दर्जे के मुद्दे पर केंद्र और राज्य के बीच कई मुद्दे सामने आए हैं। केंद्र ने अपना प्रस्ताव उच्च न्यायालय को सौंप दिया है।

इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि राज्य को यह तय करने का अधिकार है कि राजधानी कहां होनी चाहिए। इसके साथ, इस निर्णय में केंद्र की कोई भूमिका नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा, राजधानी का फैसला राज्य के अधिकार क्षेत्र में आता है।

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