साल 2020 की शुरुआत दुनिया में बड़ी हलचलों के साथ हुई है। फिर चाहे अमेरिका और ईरान के बीच विवाद हो या फिर भारत में लगातार हो रहे सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन। आपको पता ही है इन दिनों JNU में हिंसा होता दिखाई दे रहा है, आपने देखा ही होगा किस तरह नकाबपोश छात्रों ने खूनी हिंसा को अंजाम दिया।

वैसे आपने देखा ही होगा कि साल 2020 का आगमन देश के लिए एक के बाद एक चुनौतियां लेकर आ रहा है। लेकिन अब 2020 में दुनिया के सामने कौन-सी बड़ी चुनौती होंगी इनको लेकर अमेरिका के एक ग्रुप ने रिपोर्ट जारी की है।

इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी भू-राजनीतिक जोखिम की लिस्ट में शामिल हुआ है। जिसमें देश में सांप्रदायिक एजेंडे, गिरती अर्थव्यवस्था को आधार बनाया गया है।

अमेरिकी एजेंसी (Eurasia Group) हर साल इस तरह की लिस्ट जारी करती है। यह अमेरिका की सबसे प्रभावशाली रिस्क असेसमेंट कंपनियों में से एक है। भारत को लेकर इस रिपोर्ट में लिखा गया है, ‘नरेंद्र मोदी ने अभी तक अपना दूसरा कार्यकाल सामाजिक मुद्दों पर बिताया है, जबकि देश आर्थिक एजेंडा कहीं पीछे छूट गया है।

अमेरिकी एजेंसी का कहना है कि साल 2020 में इसका असर देखने को मिलेगा, ना सिर्फ विदेश नीति बल्कि आर्थिक नीति पर भी ये असर छोड़ेगा।’एजेंसी में लिखा है, ‘मोदी सरकार ने बीते दिनों में जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को हराया, नॉर्थ ईस्ट में घुसपैठियों को लेकर सख्ती दिखाई, धर्म के आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता दी।

इन सभी फैसलों के पीछे सबसे बड़ा हाथ देश के गृह मंत्री अमित शाह का है।’रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आने वाले साल में देश में धार्मिक मामलों पर राजनीति गर्माएगी, जिसका असर निचले स्तर तक दिखेगा।

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, आर्थिक मोर्चे पर भी सरकार के सामने कई चुनौतियां आएंगी। भारत की इस तस्वीर का असर दुनिया में पड़ेगा और विदेश नीति को घाटा होगा।

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