दोस्तों, आपको बता दें अभी हाल में ही अमेरिकी संसद की एक समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व का सबसे अधिक रक्षा बजट (पचास लाख करोड़ रुपए) वाला देश अमेरिका इन दिनों सैन्य संकट से जूझ रहा है। दोस्तों, ऐसे में आप खुद सोच सकते हैं कि इस मामले में भारत जैसे देशों की हालत कैसी हो सकती है।

बता दें कि चीन साल 2018 में अपने रक्षा बजट में 8.1 फीसदी की बढ़ोतरी कर 175 अरब डॉलर करने की घोषणा कर चुका है। वर्तमान में यह भारत के रक्षा बजट का करीब चार गुना है। भारत का वर्तमान रक्षा बजट करीब 46 अरब डॉलर का है।

हांलाकि साल 2017 में सेना पर खर्च किए जाने के मामले में शीर्ष पांच देशों में चीन के साथ भी शमिल रहा। साल 2017 में इन दोनों देशों का रक्षा खर्च मिलाकर वैश्विक रक्षा खर्च का 60 फीसदी रहा।

जानकारी के लिए बता दें कि स्वीडन की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा खर्च के मामले में शीर्ष पांच देशों अमेरिका, चीन, सऊदी अरब, रूस और भारत है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में भारत ने सेना पर 63.9 अरब डॉलर खर्च किए थे।

आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि 2016 और 2017 के बीच अमेरिका के सैन्य खर्च में कोई बदलाव नहीं हुआ। लेकिन वर्तमान में पचास लाख करोड़ रुपए के रक्षा बजट के साथ वह शीर्ष पर बना हुआ है। अमेरिका का रक्षट बजट चीन और रूस के संयुक्त रक्षा बजट से भी अधिक है।

गौरतलब है कि मध्य और पश्चिमी यूरोप में रूस से बढ़ते खतरे की आशंका से सैन्य खर्च में साल 2017 में क्रमश: 1.2 और 1.7 फीसद की वृद्धि हुई। नाटो के सभी 29 सदस्य देशों का कुल रक्षा खर्च 900 अरब डॉलर रहा। यह वैश्विक रक्षा खर्च का 52 फीसदी है। इसी साल जुलाई 2018 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाटों देशों के रक्षा खर्च में चार गुना बढ़ोतरी करने की बात कही थी।

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