अखिलेश यादव ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र रामपुर से शुरू की साइकिल यात्रा, मिशन 2022 को लेकर बन रही रणनीति
समाजवादी पार्टी अपने मुस्लिम वोटों को बचाने के लिए लगातार नई रणनीति बना रही है। आजम खान की 'गढ़' रामपुर से शुरू हुई साइकिल रैली इसी का एक हिस्सा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव खुद रैली का नेतृत्व करने रामपुर पहुंचे हैं। सपा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार रामपुर के सांसद आजम खान के खिलाफ बदले की कार्रवाई कर रही है। अब इसके विरोध में सपा साइकिल यात्रा के जरिए जनता का ध्यान खींचने की कोशिश कर रही है।
यह साइकिल रैली लगभग 350 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 21 मार्च को लखनऊ पहुंचेगी। यात्रा मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा के साथ शुरू होगी। यात्रा के दौरान, विभिन्न स्थानों पर और चौपाल में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के संस्थापक और सांसद मो। आजम खान के खिलाफ की गई कार्रवाई का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद गिरि, समाजवादी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अनीस राजा, समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ। राम करन निर्मल, समाजवादी छत्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह उपस्थित रहेंगे। जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार गंगवार ने बताया कि पार्टी के केवल वरिष्ठ नेता और सांसद और विधायक ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साइकिल यात्रा में शामिल होंगे। कुल 40 लोगों के साथ रहने की उम्मीद है। कार्यकर्ता अगले दिन 13 मार्च से लखनऊ के लिए रैली करेंगे। यह साइकिल रैली बरेली, शाहजहांपुर, लखीमपुर, सीतापुर होते हुए लखनऊ पहुंचेगी।
आजम खान के माध्यम से, समाजवादी पार्टी एक विशेष समुदाय के वोट बैंक को बचाने में लगी हुई है। जनसभाओं के माध्यम से लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। जिन क्षेत्रों से यह रैली गुजर रही है, लगभग 12 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या मजबूत है। लोगों को जोहर विश्वविद्यालय के बहाने सपा शासन में किए गए शैक्षिक विकास की भी याद दिलाई जाएगी।