इंटरनेट डेस्क। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी बंगला खाली करने के दौरान की गई तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला आगे बढ़ता ही जा रहा है।

यहां तक की ये मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है।

हाईकोर्ट में यूपी सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य संपत्ति विभाग सरकारी बंगले में हुए तोड़फोड़ और नुकसान का आकलन कर रहा है। वहीं राज्य सरकार का दावा है कि बंगले में निजी एजेंसी से भी काफी काम कराया गया था।

उसने कहा कि नुकसान के आकलन के बाद ही पूर्व सीएम के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अखिलेश यादव के खिलाफ जांच कर उचित कार्रवाई किये जाने और उनसे नुकसान की भरपाई किये जाने की मांग को लेकर मेरठ जिले के राहुल राणा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी।

मामले की सुनवाई जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस राजीव गुप्ता की डिवीजन बेंच में हुई। यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि नुकसान के आंकलन के बाद ही पूर्व सीएम अखिलेश को नोटिस जारी कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

अभी सरकारी सामानो का आकलन किया जा रहा है।

वहीं इससे पहले राज्यपाल राम नाईक ने भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश के सरकारी बंगला खाली करने के दौरान वहां हुई तोड़फोड़ के आरोप पर प्रदेश सरकार से पूरे प्रकरण पर कार्रवाई करने की सिफारिश और जांच कराए जाने की बात कही थी।

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