NCP विधायक दल के नेता पद से हटाए गए अजित पवार की एक चिट्ठी के सहारे 23 नवंबर की सुबह महाराष्ट्र में बीजेपी ने फिर से सरकार बना ली। ये कदम सभी के लिए चौंका देने वाला था। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने बतौर सीएम शपथ ली और वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम का पद भार ग्रहण किया। लेकिन भला रातों रात ऐसा क्या हो गया जिस से बीजेपी ने सरकार बना ली?

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'एक और जहाँ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिल कर सरकार गठन करने वाले थे वहां दूसरी ओर ये सब चौंकाने वाला था। ये सब राज अजित पवार की चिट्टी में था।

अजित ने राज्यपाल को जो चिट्ठी सौंपी थी उसमें एनसीपी के सभी 54 विधायकों के हस्ताक्षर थे। उन्होंने कहा कि एनसीपी के सभी 54 विधायक उनके साथ हैं और इसके चलते वे समर्थन से सरकार बना सकते हैं।

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एनसीपी चीफ शरद पवार की ओर से आरोप लगाया गया कि अजित पवार ने ये पूरा षड्यंत्र एक चिट्टी में दम पर रचा और एनसीपी विधायकों के हस्ताक्षर उस पर दिखा दिए।

शरद पवार ने एनसीपी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई। बैठक शुरू होने पर उन्होंने अपने भतीजे को पार्टी विधायक दल के नेता से बेदखल कर दिया।

अजित पवार ने चिट्ठी में लिखा था कि महाराष्ट्र में ज्यादा समय तक राष्ट्रपति शासन नहीं लगाना चाहिए इसलिए मैं भाजपा को सत्ता बनाने के लिए सपोर्ट करता हूँ। मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का गुट नेता हूं और मेरे साथ मेरे 54 विधायक हैं। ये चिट्टी राज्यपाल को दी गई थी।

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