आपको जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी सैन्य हेलिकॉप्टर चिनूक आज भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा। चिनूक सीएच-47आई हेलिकॉप्टर को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने बनाया है। बता दें कि चार चिनूक सीएच-47आई हेलिकॉप्टर भारत आए हैं।

भारत ने अमेरिका से ऐसे ही 15 हेलिकॉप्टर के लिए डील किया है। बता दें कि अमेरिका ने इसी सैन्य हेलिकॉप्टर की मदद से आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन का खात्मा किया था। इस स्टोरी में हम आपको हेलिकॉप्टर चिनूक की खासियत बताने जा रहे हैं।

- हेलिकॉप्टर चिनूक की अधिकतम स्पीड 315 किमी प्रति घंटे है। यह हेलिकॉप्टर खराब मौसम में भी उड़ान भरने में सक्षम है।

- सैन्य हेलिकॉप्टर चिनूक 20000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। यह हेलिकॉप्टर 10 टन तक के वजन को उठाकर कहीं भी ले जा सकता है। इसकी मदद से गोला बारूद, सैन्य हथियार और सैनिक भी जा सकते हैं।

- चिनूक हेलिकॉप्टर रडार की पकड़ में बहुत मुश्किल से आता है। इसमें कॉमन एविएशन आर्किटेक्चर कॉकपिट और एडवांस्ड कॉकपिट जैसी विशेषताएं हैं।

- दुनिया के 26 देश चिनूक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं, इन देशों में अब भारत का नाम भी जुड़ गया है। इस हेलिकॉप्टर को दो पायलट उड़ा सकते हैं।

- चिनूक हेलिकॉप्टर को पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया जाएगा। गौरतलब है कि चिनूक हेलिकॉप्टर अफगानिस्तान, इराक, ईरान, लीबिया और वियतनाम युद्ध में भी निर्णायक भूमिका निभा चुका है।

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