आजादी के तीन साल बाद भी चलन में रहा ब्रिटीश रुपए का सिक्का, जानिए क्यों?
इतिहास अतीत और वर्तमान के बीच की वह प्रक्रिया है, जिससे हम अतीत से सीख लेकर अपना भविष्य निर्धारित करने में मदद मिलती है। इस स्टोरी में हम आपको इतिहास के उसी पुरानी पन्ने को याद दिलाने जा रहे हैं। हम सभी के हाथों मेें जब रुपए का सिक्का आता है, तो यह सवाल मन में जरूर उठता है कि आखिर रुपए का सिक्का हमारे देश में सबसे पहले कब ढाला गया था?
जी हां, आपको जानकारी के लिए बता दें कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में 19 अगस्त 1757 को रुपए का पहला सिक्का ढाला था। इस सिक्के को बंगाल प्रांत में चलाया गया था।
1757 के प्लासी युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल प्रांत यानि बंगाल, बिहार और उड़ीसा में व्यापार करने अधिकार मिल गया था।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने साम्राज्य विस्तार करने के दौरान 19 अगस्त 1757 को कलकत्ता के टकसाल में सिक्के ढाले थे। ये सिक्के कंपनी के करोबार की दृष्टि से चलन में आया था।
करीब 200 सालों बाद जब भारत 1947 में ब्रिटीश गुलामी से मुक्त हुआ तब भी यह ब्रिटीश सिक्का चलन में रहा। आजादी के तीन साल बाद यानि 1950 में भारत ने अपने सिक्के ढालने शुरू किए थे। अब सवाल यह उठता है कि आजादी के बाद भी लगातार तीन सालों तक ब्रिटीश सिक्के चलन में क्यों रहें।