दोस्तों, आपको बता दें कि इंडियन आर्मी में अभी तक दो ही ऐसे सैन्य अधिकारी हुए, जिन्हें फाइव स्टार रैंक मिली है। इनमें से एक नाम है जनरल मॉनेकशॉ और दूसरा नाम है के एम करिअप्पा। जी हां, भारत के पहले सेना प्रमुख के एम करिअप्पा का निकनेम किपर था।

के एम करिअप्पा को 15 जनवरी 1949 इंडियन आर्मी का चीफ बनाया गया। करिअप्पा राजपूत रेजिमेन्ट से थे तथा वह 1953 में सेवानिवृत्त हुए। रिटायर होने के बाद भी वह किसी ना किसी रूप में इंडियन आर्मी को सहयोग देते रहे।

जी हां, दोस्तों हम आपको इंडियन आर्मी के पहले चीफ के एम करिअप्पा से जुड़े एक रोचक किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं।

यह बात भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 1965 युद्ध की है। उन दिनों करियप्पा रिटायर हो चुके थे। वह अपने गृहनगर कर्नाटक के मेरकारा में रह रहे थे। 1965 के युद्ध में के एम करिअप्पा के पुत्र के सी करिअप्पा इंडियन एयरफोर्स में बतौर फ्लाइट लेफ्टिनेंट पाक के विरूद्ध युद्ध लड़ रहे थे।

के सी करिअप्पा को लोग नंदा के रूप में जानते हैं। इस लड़ाई में दुश्मन देश की सीमा में घुसते ही के सी करिअप्पा के विमान पर पाक ने हमला कर दिया। विमान से कूदकर नंदा ने अपनी जान बचाई लेकिन पाक ने उन्हें बंदी बना लिया।

बावजूद इसके पाकिस्तान रेडियो ने ऐलान किया कि के सी करिअप्पा पाकिस्तानी सेना के कब्जे में हैं तथा पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन दिनों जनरल अयूब खान पाकिस्तान के राष्ट्रपति तथा सेना प्रमुख थे। आपको बता दें कि भारत के बंटवारे से पहले अयूब खान के.एम. करिअप्पा के अंडर काम कर चुके थे।

जब अयूब खान को यह बात पता चली तो उन्होंने के एम करिअप्पा को तुरंत फोन लगाया और उनके बेटे को रिहा करने की बात कही। के सी करिअप्पा के मुताबिक, जनरल अयूब खान मेरे लिए स्टेट एक्सप्रेस सिगरेट का एक कार्टन और वुडहाउस का एक उपन्यास ले कर आए थे।

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