गांधीजी की एक गलत काम, जिसके वजह से उन्हें गवानी पड़ी अपनी जान
महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे ने गोली मार कर की थी। गाँधी जी की हत्या करने के बाद गोडसे को फांसी की सजा दी गई थी। लेकिन खास सवाल ये है कि महात्मा गांधी जो सत्य और अहिंसा के पुजारी थे, उनको आखिर किसी ने क्यों मारा? आइए जानते हैं कुछ ऐसी बातें जो नाथूराम गोडसे के पत्र के जरिए पता चली।
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नाथूराम का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने हाई स्कूल की पढाई बीच में छोड़ दी थी और उसके बाद वे स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए थे। उन्होंने 'हिंदू राष्ट्रीय दल' के नाम से अपना संगठन बनाया था जिसका मकसद देश को आजादी दिलाने के लिए लड़ना था। गोडसे का खुद का समाचार पत्र भी प्रकाशित हुआ जिसका नाम 'हिंदू राष्ट्र' था।
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शुरुआत में वह महात्मा गांधी का पक्का अनुयायी था, और उनके आदर्श गांधीजी थे। गांधीजी ने जब नागरिक अवज्ञा आंदोलन किया तो उन्होंने उसमे भी हिस्सा लिया और गांधीजी का साथ दिया। बाद में वह गांधीजी के खिलाफ हो गया। नाथू का कहना था कि गांधीजी देश के विभाजन के जिम्मेदार थे। नाथू का कहना था कि वह गांधीजी से बहुत प्रेरित था लेकिन देश के बंटवारे में उनका खास स्थान था इसलिए उन्होंने गांधीजी को गोली मारी।